"पात्रस्वामी" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '{{जैन धर्म2}}' to '{{जैन धर्म}}')
 
पंक्ति ७: पंक्ति ७:
 
*सम्भव है ये कारिकाएँ उनके उसी 'त्रिलक्षणकदर्थन' ग्रन्थ की हों।
 
*सम्भव है ये कारिकाएँ उनके उसी 'त्रिलक्षणकदर्थन' ग्रन्थ की हों।
 
==सम्बंधित लिंक==
 
==सम्बंधित लिंक==
{{जैन धर्म2}}
+
{{जैन धर्म}}
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:जैन_दर्शन]]
 
[[Category:जैन_दर्शन]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

११:३७, ७ अगस्त २०१० के समय का अवतरण

पात्रस्वामी / Patraswami

  • ये विक्रम की छठीं, 7वीं शती के जैन नैयायिक हैं।
  • इनका एकमात्र ग्रन्थ 'त्रिलक्षणकदर्थन' प्रसिद्ध है। पर यह अनुपलब्ध है।
  • अकलंकदेव, अनन्तवीर्य, वादिराज आदि उत्तरकालीन तार्किकों ने इसका उल्लेख किया है।
  • बौद्ध तार्किक तत्त्वसंग्रहकार शान्तरक्षित (ई॰ 8वीं शती) ने तो इनके नामोल्लेख के साथ इनकी अनेक कारिकाएँ भी उद्धृत की हैं और उनका खण्डन किया है।
  • सम्भव है ये कारिकाएँ उनके उसी 'त्रिलक्षणकदर्थन' ग्रन्थ की हों।

सम्बंधित लिंक