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− | '''स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं | + | '''स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं पुरुषोत्तम ।'''<br/> |
'''भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ।।15।। ''' | '''भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ।।15।। ''' | ||
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− | भूतभावान = हे भूतों को उत्पत्र करनेवाले; भूतेश = हे भूतों के ईश्वर; देवदेव = हे देवों के देव; जगत्पते = हे जगत् के स्वामी; | + | भूतभावान = हे भूतों को उत्पत्र करनेवाले; भूतेश = हे भूतों के ईश्वर; देवदेव = हे देवों के देव; जगत्पते = हे जगत् के स्वामी; पुरुषोत्तम = हे पुरुषोत्तम; त्वम् = आप; स्वयम् = स्व्यम्; आत्मना= अपनेसे; आत्मानम् = आपको; वेत्थ = जानते हैं |
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१२:१२, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-15 / Gita Chapter-10 Verse-15
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