"गीता 8:17" के अवतरणों में अंतर
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− | <balloon link="index.php?title=ब्रह्मा " title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ | + | <balloon link="index.php?title=ब्रह्मा " title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">ब्रह्मा</balloon> का जो एक दिन है, उसको एक हज़ार चतुर्युगी तक की अवधि वाला और रात्रि को भी एक हज़ार चतुर्युगी तक की अवधि वाली जो पुरुष तत्त्व से जानते हैं, वे योगीजन काल के तत्व को जानने वाले हैं ।।17।। |
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− | ब्रह्मण: = ब्रह्मा का ; यत् = जो ; अह: = एक दिन है (उसको) ; सहस्त्रयुगपर्यन्तम् = | + | ब्रह्मण: = ब्रह्मा का ; यत् = जो ; अह: = एक दिन है (उसको) ; सहस्त्रयुगपर्यन्तम् = हज़ार चौकडी युगतक अवधिवाला (और) ; जना: = योगीजन ; रात्रिम् = रात्रि को (भी) ; युगसहस्त्रान्ताम् = हज़ार चौकडी युगतक अवधिवाली ; (ये) = जो पुरुष ; विदु: = तत्त्व से जानते हैं ; ते = वे ; अहोरात्रविद: = काल के तत्त्व को जानने वाले हैं |
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०७:१८, ११ मई २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-8 श्लोक-17 / Gita Chapter-8 Verse-17
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