"कंकाली देवी मन्दिर" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(१० सदस्यों द्वारा किये गये बीच के २६ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{menu}}<br />
+
{{Menu}}
{{mathura temple}}
+
{{Incomplete}}
[[श्रेणी:
+
==कंकाली देवी मन्दिर / [[:en:Kankali Devi Temple|Kankali Devi Temple]]==
==कंकाली देवी मन्दिर / Kankali temple==
+
*[[मथुरा]] मे [[कंकाली टीला]] पर कंकाली देवी का मन्दिर स्थापित है।
[[मथुरा]] मे कंकाली टीला पर कंकाली देवी का मन्दिर स्थापित है । कंकाली को पूर्व में कंसकाली के नाम से जाना जाता है, जिसकी स्थापना [[कृष्ण]] जन्म की घटना से जुड़ी बताई जाती हैं । [[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत]] के अनुसार [[यशोदा]] रानी के गर्भ से पैदा हुई कन्या को [[वसुदेव]] जी मथुरा लाये और इसी कन्या के बदले में [[नन्द|नन्दबाबा]] के घर श्रीकृष्ण पहुंचाये गये । कहा जाता है कि क्रूर कंस ने इसी बालिका का वध करने के लिए इस स्थान पर एक पत्थर की शिला पर पटख कर मारने का प्रयास किया था, किन्तु बालिका कंस के हाथ से छूट कर आकाश में चली गई तभी से यह स्थल [[कंस]] काली के नाम से विख्यात है । मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पश्चात द्वितीय महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल यही है, जहां देव निर्मित स्तूप एवं नर वाहना कुबेरादेवी मन्दिर जैसे प्राचीन देव स्थानों के अतिरिक्त [[जैन]] , [[बौद्ध]] धर्म के मन्दिर, मठ और देवालय थे । [[हूण|हूणों]] के आक्रमण काल में इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की बड़ी क्षति हुई है । इस समय यहां स्थापित देवी प्रतिमा को मथुरा की प्रसिद्ध चार देवियों में से एक माना गया है ।
+
*कंकाली को पूर्व में [[कंस]] काली के नाम से जाना जाता है, जिसकी स्थापना [[कृष्ण]] जन्म की घटना से जुड़ी बताई जाती हैं। कंस के द्वारा पूजित होने के कारण यह कंस काली या कंकाली देवी कहलाती है।
 +
[[चित्र:Kankali-Devi-Kankali-Tila-Mathura-1.jpg|thumb|250px|कंकाली देवी मन्दिर, [[मथुरा]]<br /> Kankali  Devi Temple, Mathura]]
 +
*यह वही अष्टभुजा सिंहवाहनी [[दुर्गा]] देवी है, जिसे कंस ने [[देवकी]] की कन्या समझकर उसे मारना चाहा था, किन्तु देवी उसके हाथ से छूटकर  आकाश में चली गई थी। 
 +
*[[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत]] के अनुसार [[यशोदा]] रानी के गर्भ से पैदा हुई कन्या को [[वसुदेव]] जी [[मथुरा]] लाये और इसी कन्या के बदले में [[नन्द|नन्दबाबा]] के घर श्रीकृष्ण पहुंचाये गये। कहा जाता है कि क्रूर कंस ने इसी बालिका का वध करने के लिए इस स्थान पर एक पत्थर की शिला पर पटख कर मारने का प्रयास किया था, किन्तु बालिका कंस के हाथ से छूट कर आकाश में चली गई तभी से यह स्थल [[कंस]] काली के नाम से विख्यात है।
 +
*मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पश्चात द्वितीय महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल यही है, जहां देव निर्मित स्तूप एवं नर वाहना कुबेरा देवी मन्दिर जैसे प्राचीन देव स्थानों के अतिरिक्त [[जैन]] , [[बौद्ध]] धर्म के मन्दिर, मठ और देवालय थे।
 +
*[[हूण|हूणों]] के आक्रमण काल में इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की बड़ी क्षति हुई है। इस समय यहाँ स्थापित देवी प्रतिमा को मथुरा की प्रसिद्ध चार देवियों में से एक माना गया है।
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
 +
[[en:Kankali Devi Temple]]
 +
[[Category:कोश]]
 +
[[Category:मन्दिर]]
 +
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
 +
__INDEX__

१२:४१, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

कंकाली देवी मन्दिर / Kankali Devi Temple

  • मथुरा मे कंकाली टीला पर कंकाली देवी का मन्दिर स्थापित है।
  • कंकाली को पूर्व में कंस काली के नाम से जाना जाता है, जिसकी स्थापना कृष्ण जन्म की घटना से जुड़ी बताई जाती हैं। कंस के द्वारा पूजित होने के कारण यह कंस काली या कंकाली देवी कहलाती है।
कंकाली देवी मन्दिर, मथुरा
Kankali Devi Temple, Mathura
  • यह वही अष्टभुजा सिंहवाहनी दुर्गा देवी है, जिसे कंस ने देवकी की कन्या समझकर उसे मारना चाहा था, किन्तु देवी उसके हाथ से छूटकर आकाश में चली गई थी।
  • श्रीमद्भागवत के अनुसार यशोदा रानी के गर्भ से पैदा हुई कन्या को वसुदेव जी मथुरा लाये और इसी कन्या के बदले में नन्दबाबा के घर श्रीकृष्ण पहुंचाये गये। कहा जाता है कि क्रूर कंस ने इसी बालिका का वध करने के लिए इस स्थान पर एक पत्थर की शिला पर पटख कर मारने का प्रयास किया था, किन्तु बालिका कंस के हाथ से छूट कर आकाश में चली गई तभी से यह स्थल कंस काली के नाम से विख्यात है।
  • मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पश्चात द्वितीय महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल यही है, जहां देव निर्मित स्तूप एवं नर वाहना कुबेरा देवी मन्दिर जैसे प्राचीन देव स्थानों के अतिरिक्त जैन , बौद्ध धर्म के मन्दिर, मठ और देवालय थे।
  • हूणों के आक्रमण काल में इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की बड़ी क्षति हुई है। इस समय यहाँ स्थापित देवी प्रतिमा को मथुरा की प्रसिद्ध चार देवियों में से एक माना गया है।

सम्बंधित लिंक