"बटस्वामीतीर्थ" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
Maintenance (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - '==अन्य लिंक== ==सम्बंधित लिंक==' to '==सम्बंधित लिंक==') |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " ।" to "।") |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति २: | पंक्ति २: | ||
'''बटस्वामी तीर्थ / [[:en:Batswami Tirth|Batswami Tirth]]'''<br /> | '''बटस्वामी तीर्थ / [[:en:Batswami Tirth|Batswami Tirth]]'''<br /> | ||
*यहाँ भी [[सूर्य|सूर्यदेव]] भगवान् [[नारायण]] की आराधना करते हैं। सूर्यदेव ही एक नाम बटस्वामी भी है। रविवार के दिन इस तीर्थ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने से मनुष्य आरोग्य एवं ऐश्वर्य लाभकर अन्त में परम गति को प्राप्त करता है। | *यहाँ भी [[सूर्य|सूर्यदेव]] भगवान् [[नारायण]] की आराधना करते हैं। सूर्यदेव ही एक नाम बटस्वामी भी है। रविवार के दिन इस तीर्थ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने से मनुष्य आरोग्य एवं ऐश्वर्य लाभकर अन्त में परम गति को प्राप्त करता है। | ||
− | <blockquote>तत: पर वटस्वामी तीर्थानां | + | <blockquote>तत: पर वटस्वामी तीर्थानां तीर्थमुत्तमम्।<br /> |
− | वटस्वामीति विख्यातो यत्र देवो दिवाकर: ।।<br /> | + | वटस्वामीति विख्यातो यत्र देवो दिवाकर:।।<br /> |
− | तत्तीर्थं चैव यो भक्त्या रविवारे | + | तत्तीर्थं चैव यो भक्त्या रविवारे निषेवते।<br /> |
− | प्राप्नोत्यारोग्यमैश्वर्य्यमन्ते च | + | प्राप्नोत्यारोग्यमैश्वर्य्यमन्ते च गतिमुत्तमाम्।।<ref>सौर पुराण</ref></blockquote> |
− | + | ==टीका-टिपण्णी== | |
− | < | + | <references/> |
==सम्बंधित लिंक== | ==सम्बंधित लिंक== | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | ||
− | |||
− | |||
[[en:Batswami Tirth]] | [[en:Batswami Tirth]] | ||
[[Category: कोश]] | [[Category: कोश]] | ||
[[Category:दर्शनीय-स्थल]] | [[Category:दर्शनीय-स्थल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
१२:५७, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण
बटस्वामी तीर्थ / Batswami Tirth
- यहाँ भी सूर्यदेव भगवान् नारायण की आराधना करते हैं। सूर्यदेव ही एक नाम बटस्वामी भी है। रविवार के दिन इस तीर्थ में श्रद्धापूर्वक स्नान करने से मनुष्य आरोग्य एवं ऐश्वर्य लाभकर अन्त में परम गति को प्राप्त करता है।
तत: पर वटस्वामी तीर्थानां तीर्थमुत्तमम्।
वटस्वामीति विख्यातो यत्र देवो दिवाकर:।।
तत्तीर्थं चैव यो भक्त्या रविवारे निषेवते।
प्राप्नोत्यारोग्यमैश्वर्य्यमन्ते च गतिमुत्तमाम्।।[१]
टीका-टिपण्णी
- ↑ सौर पुराण