"ब्रज चौरासी कोस की यात्रा" के अवतरणों में अंतर
Maintenance (चर्चा | योगदान) |
Maintenance (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति १०: | पंक्ति १०: | ||
*15वीं शताब्दी में [[माध्व सम्प्रदाय]] के आचार्य मघवेंद्र पुरी महाराज की यात्रा का वर्णन है तो | *15वीं शताब्दी में [[माध्व सम्प्रदाय]] के आचार्य मघवेंद्र पुरी महाराज की यात्रा का वर्णन है तो | ||
*16वीं शताब्दी में महाप्रभु [[वल्लभाचार्य]], गोस्वामी [[विट्ठलनाथ]], चैतन्य मत केसरी [[चैतन्य महाप्रभु]], [[रूप गोस्वामी]], [[सनातन गोस्वामी]], नारायण भट्ट, [[निम्बार्क संप्रदाय]] के चतुरानागा आदि ने ब्रज यात्रा की थी। | *16वीं शताब्दी में महाप्रभु [[वल्लभाचार्य]], गोस्वामी [[विट्ठलनाथ]], चैतन्य मत केसरी [[चैतन्य महाप्रभु]], [[रूप गोस्वामी]], [[सनातन गोस्वामी]], नारायण भट्ट, [[निम्बार्क संप्रदाय]] के चतुरानागा आदि ने ब्रज यात्रा की थी। | ||
− | [[चित्र:Radha Kund Govardhan Mathura 1.jpg|राधा कुण्ड, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Radha Kund, Govardhan, Mathura|thumb|400px]] | + | [[चित्र:Radha Kund Govardhan Mathura 1.jpg|[[राधा कुण्ड]], [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Radha Kund, Govardhan, Mathura|thumb|400px]] |
==परिक्रमा मार्ग== | ==परिक्रमा मार्ग== | ||
इसी यात्रा में [[मथुरा]] की अंतरग्रही परिक्रमा भी शामिल है। मथुरा से चलकर यात्रा सबसे पहले भक्त [[ध्रुव]] की तपोस्थली | इसी यात्रा में [[मथुरा]] की अंतरग्रही परिक्रमा भी शामिल है। मथुरा से चलकर यात्रा सबसे पहले भक्त [[ध्रुव]] की तपोस्थली | ||
पंक्ति १६: | पंक्ति १६: | ||
2. [[तालवन]], | 2. [[तालवन]], | ||
3. [[कुमुदवन]], | 3. [[कुमुदवन]], | ||
− | 4. [[शांतनु कुण्ड]] [[चित्र:Dan-Ghati-Temple-2.jpg|[[दानघाटी]], गोवर्धन<br /> DanGhati Temple, Govardhan|thumb]] | + | 4. [[शांतनु कुण्ड]] [[चित्र:Dan-Ghati-Temple-2.jpg|[[दानघाटी]], [[गोवर्धन]]<br /> DanGhati Temple, Govardhan|thumb]] |
5. [[सतोहा]], | 5. [[सतोहा]], | ||
6. [[बहुलावन]], | 6. [[बहुलावन]], | ||
पंक्ति २३: | पंक्ति २३: | ||
9. [[काम्यवन|काम्यक वन]], | 9. [[काम्यवन|काम्यक वन]], | ||
10. [[संच्दर सरोवर]], | 10. [[संच्दर सरोवर]], | ||
− | 11. [[जतीपुरा]], [[चित्र:Gokul-Chandrama-Temple-Kama-1.jpg|thumb|चन्द्रमा जी मन्दिर, काम्यवन<br /> Chandrama Ji Temple, Kamyavan]] | + | 11. [[जतीपुरा]], [[चित्र:Gokul-Chandrama-Temple-Kama-1.jpg|thumb|चन्द्रमा जी मन्दिर,[[काम्यवन]]<br /> Chandrama Ji Temple, Kamyavan]] |
12. [[डीग]] का [[लक्ष्मण मंदिर]], | 12. [[डीग]] का [[लक्ष्मण मंदिर]], | ||
13. [[साक्षी गोपाल मंदिर]] व | 13. [[साक्षी गोपाल मंदिर]] व | ||
पंक्ति ३०: | पंक्ति ३०: | ||
16. [[चरणपहाड़ी|चरन पहाड़ी कुण्ड]], | 16. [[चरणपहाड़ी|चरन पहाड़ी कुण्ड]], | ||
17. [[काम्यवन]], | 17. [[काम्यवन]], | ||
− | 18. [[बरसाना]], [[चित्र:Jal-Mahal-Deeg-1.jpg|जल महल, डीग<br />Jal Mahal, Deeg|thumb]] | + | 18. [[बरसाना]], [[चित्र:Jal-Mahal-Deeg-1.jpg|जल महल, [[डीग]]<br />Jal Mahal, Deeg|thumb]] |
19. [[नंदगांव]], | 19. [[नंदगांव]], | ||
20. [[जावट ग्राम|जावट]], | 20. [[जावट ग्राम|जावट]], | ||
पंक्ति ३६: | पंक्ति ३६: | ||
22. [[कोसी]], | 22. [[कोसी]], | ||
23. [[शेरगढ]], | 23. [[शेरगढ]], | ||
− | 24. [[चीर घाट]], [[चित्र:Jatipura Temple Entry Gate Govardhan Mathura.jpg|thumb|जतीपुरा मंदिर, प्रवेश द्वार, [[गोवर्धन]]]] | + | 24. [[चीर घाट]], [[चित्र:Jatipura Temple Entry Gate Govardhan Mathura.jpg|thumb|[[जतीपुरा|जतीपुरा मंदिर]], प्रवेश द्वार, [[गोवर्धन]]]] |
25. [[नौहझील]], | 25. [[नौहझील]], | ||
26. [[भद्रवन|श्री भद्रवन]], | 26. [[भद्रवन|श्री भद्रवन]], | ||
पंक्ति ४२: | पंक्ति ४२: | ||
28. [[बेलवन]], | 28. [[बेलवन]], | ||
29. [[राया|राया वन]], यहाँ का | 29. [[राया|राया वन]], यहाँ का | ||
− | 30. [[गोपाल कुण्ड]], [[चित्र:barsana-temple-3.jpg|[[राधा रानी मंदिर]], बरसाना<br />Radha Rani Temple, Barsana|thumb]] | + | 30. [[गोपाल कुण्ड]], [[चित्र:barsana-temple-3.jpg|[[राधा रानी मंदिर]], [[बरसाना]]<br />Radha Rani Temple, Barsana|thumb]] |
31. [[कबीर कुण्ड]], | 31. [[कबीर कुण्ड]], | ||
32. [[भोयी कुण्ड]], | 32. [[भोयी कुण्ड]], | ||
पंक्ति ४९: | पंक्ति ४९: | ||
35. [[महावन]], | 35. [[महावन]], | ||
36. [[ब्रह्माण्ड घाट|ब्रह्मांड घाट]], | 36. [[ब्रह्माण्ड घाट|ब्रह्मांड घाट]], | ||
− | [[चित्र:Nand-Ji-Temple-1.jpg|[[नन्द जी मंदिर]], नन्दगांव<br /> Nand Ji Temple, Nandganv|thumb]] | + | [[चित्र:Nand-Ji-Temple-1.jpg|[[नन्द जी मंदिर]], [[नन्दगांव]]<br /> Nand Ji Temple, Nandganv|thumb]] |
37. [[चिंताहरण महादेव]], | 37. [[चिंताहरण महादेव]], | ||
38. [[गोकुल]], | 38. [[गोकुल]], | ||
पंक्ति ६५: | पंक्ति ६५: | ||
*चार ओखर, | *चार ओखर, | ||
*चार पोखर, | *चार पोखर, | ||
− | [[चित्र:Mathura-Nath-Temple-1.jpg|मथुरा नाथ श्री द्वारिका नाथ, महावन<br /> Mathura Nath Shri Dwarika Nath, Mahavan|thumb|200px]] | + | [[चित्र:Mathura-Nath-Temple-1.jpg|मथुरा नाथ श्री द्वारिका नाथ, [[महावन]]<br /> Mathura Nath Shri Dwarika Nath, Mahavan|thumb|200px]] |
*365 कुण्ड, | *365 कुण्ड, | ||
*चार सरोवर, | *चार सरोवर, |
०६:४९, ११ नवम्बर २०१० का अवतरण
ब्रज चौरासी कोस यात्रा / Braj Chaurasi Kos Yatra
- वराह पुराण कहता है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं। यही वजह है कि व्रज यात्रा करने वाले इन दिनों यहाँ खिंचे चले आते हैं। हज़ारों श्रद्धालु ब्रज के वनों में डेरा डाले रहते हैं।
- ब्रजभूमि की यह पौराणिक यात्रा हज़ारों साल पुरानी है। चालीस दिन में पूरी होने वाली ब्रज चौरासी कोस यात्रा का उल्लेख वेद-पुराण व श्रुति ग्रंथसंहिता में भी है। कृष्ण की बाल क्रीड़ाओं से ही नहीं, सत युग में भक्त ध्रुव ने भी यही आकर नारद जी से गुरु मन्त्र ले अखंड तपस्या की व ब्रज परिक्रमा की थी।
- त्रेता युग में प्रभु राम के लघु भ्राता शत्रुघ्न ने मधु पुत्र लवणासुर को मार कर ब्रज परिक्रमा की थी। गली बारी स्थित शत्रुघ्न मंदिर यात्रा मार्ग में अति महत्व का माना जाता है।
- द्वापर युग में उद्धव जी ने गोपियों के साथ ब्रज परिक्रमा की।
- कलि युग में जैन और बौद्ध धर्मों के स्तूप बैल्य संघाराम आदि स्थलों के सांख्य इस परियात्रा की पुष्टि करते हैं।
- 14वीं शताब्दी में जैन धर्माचार्य जिन प्रभु शूरी की में ब्रज यात्रा का उल्लेख आता है।
- 15वीं शताब्दी में माध्व सम्प्रदाय के आचार्य मघवेंद्र पुरी महाराज की यात्रा का वर्णन है तो
- 16वीं शताब्दी में महाप्रभु वल्लभाचार्य, गोस्वामी विट्ठलनाथ, चैतन्य मत केसरी चैतन्य महाप्रभु, रूप गोस्वामी, सनातन गोस्वामी, नारायण भट्ट, निम्बार्क संप्रदाय के चतुरानागा आदि ने ब्रज यात्रा की थी।
परिक्रमा मार्ग
इसी यात्रा में मथुरा की अंतरग्रही परिक्रमा भी शामिल है। मथुरा से चलकर यात्रा सबसे पहले भक्त ध्रुव की तपोस्थली
1. मधुवन पहुँचती है। यहाँ से
2. तालवन,
3. कुमुदवन,
5. सतोहा,
6. बहुलावन,
7. राधा-कृष्ण कुण्ड,
8. गोवर्धन
9. काम्यक वन,
10. संच्दर सरोवर,
12. डीग का लक्ष्मण मंदिर,
13. साक्षी गोपाल मंदिर व
14. जल महल,
15. कमोद वन,
16. चरन पहाड़ी कुण्ड,
17. काम्यवन,
19. नंदगांव,
20. जावट,
21. कोकिलावन,
22. कोसी,
23. शेरगढ,
25. नौहझील,
26. श्री भद्रवन,
27. भांडीरवन,
28. बेलवन,
29. राया वन, यहाँ का
31. कबीर कुण्ड,
32. भोयी कुण्ड,
33. ग्राम पडरारी के वनखंडी में शिव मंदिर,
34. दाऊजी,
35. महावन,
36. ब्रह्मांड घाट,
37. चिंताहरण महादेव,
38. गोकुल,
39. लोहवन,
40. वृन्दावन का मार्ग में तमाम पौराणिक स्थल हैं।
दर्शनीय स्थल
ब्रज चौरासी कोस यात्रा में दर्शनीय स्थलों की भरमार है। पुराणों के अनुसार उनकी उपस्थिति अब कहीं-कहीं रह गयी है। प्राचीन उल्लेख के अनुसार यात्रा मार्ग में
- 12 वन,
- 24 उपवन,
- चार कुंज,
- चार निकुंज,
- चार वनखंडी,
- चार ओखर,
- चार पोखर,
- 365 कुण्ड,
- चार सरोवर,
- दस कूप,
- चार बावरी,
- चार तट,
- चार वट वृक्ष,
- पांच पहाड़,
- चार झूला,
- 33 स्थल रास लीला के तो हैं हीं, इनके अलावा कृष्णकालीन अन्य स्थल भी हैं। चौरासी कोस यात्रा मार्ग मथुरा में ही नहीं, अलीगढ़, भरतपुर, गुड़गांव, फरीदाबाद की सीमा तक में पड़ता है, लेकिन इसका अस्सी फीसदी हिस्सा मथुरा में है।
36 नियमों का नित्य पालन ब्रज यात्रा के अपने नियम हैं इसमें शामिल होने वालों के प्रतिदिन 36 नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है, इनमें प्रमुख हैं धरती पर सोना, नित्य स्नान, ब्रह्मचर्य पालन, जूते-चप्पल का त्याग, नित्य देव पूजा, कर्थसंकीर्तन, फलाहार, क्रोध, मिथ्या, लोभ, मोह व अन्य दुर्गुणों का त्याग प्रमुख है।