ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
|
|
पंक्ति २७: |
पंक्ति २७: |
| | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| |
| | | |
− | Then arjuna, full of wonder and with the hair standing on end, reverntially bowed his head to the divine lord, and with doined palms addressed him thus. (14) | + | Then Arjuna, full of wonder and with the hair standing on end, reverntially bowed his head to the divine lord, and with doined palms addressed him thus. (14) |
| |- | | |- |
| |} | | |} |
०७:४८, २२ नवम्बर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-14 / Gita Chapter-11 Verse-14
प्रसंग-
इस प्रकार अर्जुन द्वारा भगवान् का विराट् रूप देखे जाने के पश्चात् क्या हुआ , इस जिज्ञासा पर कहते हैं-
तत: स विस्मयाविष्टो हृष्टरोमा धनंजय: ।
प्रणम्य शिरसा देवं कृताञ्जलिरभाषत ।।14।।
|
उसके अनन्तर वह आश्चर्य से चकित और पुलकित शरीर, अर्जुन प्रकाशमय विश्व रूप परमात्मा को श्रद्धा-भक्ति सहित सिर से प्रणाम करके हाथ जोड़कर बोला ।।14।।
|
Then Arjuna, full of wonder and with the hair standing on end, reverntially bowed his head to the divine lord, and with doined palms addressed him thus. (14)
|
तत: =उसके अनन्तर; विस्मयाविष्ट: = आश्र्वर्य से युक्त हुआ; हृष्टरोमा = हर्षित रोमोंवाला; धनंजय: = अर्जुन; देवम् = विश्वरूप परमात्मा को (श्रद्धा भक्तिसहित);शिरसा = सिरसे; प्रणम्य = प्रणाम करके; कृताज्जलि: = हाथ जोड़े हुए; अभाषत = बोला
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|