"गीता 11:50" के अवतरणों में अंतर
(नया पृष्ठ: {{menu}}<br /> <table class="gita" width="100%" align="left"> <tr> <td> ==गीता अध्याय-11 श्लोक-50 / Gita Chapter-11 Verse-50== {| width="80...) |
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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− | इस प्रकार चतुर्भुज रूप का दर्शन करने के लिये [[अर्जुन]] को आज्ञा देकर भगवान् ने क्या किया, अब | + | इस प्रकार चतुर्भुज रूप का दर्शन करने के लिये [[अर्जुन]] को आज्ञा देकर भगवान् ने क्या किया, अब [[संजय]] [[धृतराष्ट्र]] से वही कहते हैं- |
'''संजय उवाच''' | '''संजय उवाच''' | ||
पंक्ति २९: | पंक्ति २९: | ||
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− | '''Sanjaya said | + | '''Sanjaya said-''' |
− | Having | + | ---- |
+ | Having spoked this to Arjuna, Bhagavan vasudeva again showed to him in the same way his own four-armed form; and then, assuming a gentle form, the high-souled sri krsna consoled the frightened arjuna. (50) | ||
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१६:२२, १२ अक्टूबर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-50 / Gita Chapter-11 Verse-50
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अध्याय ग्यारह श्लोक संख्या Verses- Chapter-11 |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10, 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26, 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41, 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 |
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