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==महावीर जयन्ती / Mahavir Jayanti==
 
*[[जैन|जैनों]] के तीर्थकंर [[महावीर]] जी की जयन्ती उत्साह पूर्वक मनाई जाती है ।
 
*जैन धर्म के अनुयायी पूर्णिमा के दिन [[हनुमान जयन्ती]] मनाते हैं।
 
*भगवान महावीर का संदेश आज के युग में आशा की किरण की तरह है।
 
*जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका संदेश है।
 
*उनके सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय आदि उपदेश एक खुली किताब की तरह है। जो सत्य परंतु साधारण आदमी को कठिन लगते हैं।
 
*महावीर एक राजा के परिवार में पैदा हुए थे। उनके घर-परिवार में ऐश्वर्य, धन-संपदा की कोई कमी नहीं थी। परंतु युवावस्था में ही उन्होंने संसार की माया-मोह, सुख-ऐश्वर्य और राज्य  छोड़कर यातनाओं को सहन किया और नंगे पैर पैदल यात्रा करते रहे।
 
*महावीर ने स्वामी संसार में बढ़ती हिंसा और अमानवीयता को शांत करने के लिए अहिंसा का उपदेश दिया।
 
*उनके उपदेशों को जानने-समझने के लिए विशेष प्रयास नहीं करना पडता।
 
*महावीर ने लोक कल्याण का मार्ग अपने आचार-विचार में अपनाकर धर्म प्रचारक का कार्य किया।
 
*ऐसे महान चौबीस ‍तीर्थंकरों के अंतिम तीर्थंकर महावीर का जन्मदिवस प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है।
 
*महावीर जयंती के अवसर पर जैन धर्मावलंबी प्रात:काल प्रभातफेरी निकालते हैं।
 
*उसके बाद भव्य जुलूस के साथ पालकी यात्रा निकालने के बाद स्वर्ण एवं रजत कलशों से महावीर स्वामी का अभिषेक किया जाता है तथा शिखरों पर ध्वजा फहरायी जाती है।
 
*जैन समाज द्वारा दिन भर अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन ‍करके महावीर का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
 
  
==सम्बंधित लिंक==
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[[जैन|जैनों]] के तीर्थकंर [[महावीर]] जी की जयन्ती उत्साह पूर्वक मनाई जाती है । जैन धर्म के अनुयायी पूर्णिमा के दिन [[हनुमान जयन्ती]] मनाते हैं ।
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१७:२२, १४ सितम्बर २०१० का अवतरण

जैनों के तीर्थकंर महावीर जी की जयन्ती उत्साह पूर्वक मनाई जाती है । जैन धर्म के अनुयायी पूर्णिमा के दिन हनुमान जयन्ती मनाते हैं ।

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